‘‘जय जय बगला महारानी, अगम निगम की तुम्हीं बखानी, संकट में घिरा दास तुम्हारो,
ॐ ह्रीं क्लीं क्लीं चमुण्डायै विच्चे। ज्वालामालिनी आद्यायै नमः॥
इस परिशिष्ट में जिन मन्त्रों का उल्लेख किया जा रहा है, वे लोक- परम्परा से सम्बद्ध भगवती-उपासकों द्वारा पुनः-पुनः सराहे गए हैं। इन मन्त्रों का प्रभाव असंदिग्ध है, जबकि इनके साधन में औपचारिकताएं नाम मात्र की हैं। यदि भगवती बगलाम्बा के प्रति पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा-भाव रखते हुए इन मन्त्रों की साधना की जाए, तो कोई कारण नहीं है कि साधक को उसके अभीष्ट की प्राप्ति न हो।
श्री अक्षोभ्य ऋषि द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी
पीत-वर्णां मदाघूर्णां, दृढ-पीन-पयोधराम् ।
- साधना में जरूरी श्री बगलामुखी का पूजन यंत्र चने की दाल से बनाया जाता है।
आज मां बगलामुखी जयंती : यह पौराणिक और प्रामाणिक कथा पढ़ने से मिलेगा चमत्कारी लाभ
विलयानल-सङ्काशां , वीरां वेद-समन्विताम् । विराण्मयीं महा-देवीं, स्तम्भनार्थे भजाम्यहम् ।।
When she plummeted, the entire universe was illuminated together with her magnificence. She slipped with a Chaturdashi Tuesday and spared the creation and divine beings by quieting down the tempest read more while in the blink of a watch.
वन्दे स्वर्णाभ-वर्णां मणि-गण-विलसद्धेम- सिंहासनस्थाम् ।
“Aum Hreem Baglamukhi sarv dushtanaam vaacham mukham padam stambhyaJivhaam keelya, buddhim vinaashya hreem aum swaaha”
Goddess Baglamukhi is well known for her position for a protector and defender of her devotees. She's known for her intense mother nature, symbolised via the weapon she carries, a cudgel or club.
‘‘हे माँ हमें शत्रुओं ने बहुत पीड़ित कर रखा है, हम पर कृपाा करें उन शत्रुओं से हमारी रक्षा करे व उन्हें दंड दे‘‘
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